तन्हाईयाँ यादों मे तेरी बहे जा रही हैं।
पूछूँ मैं जो तुझसे ए खुदा??
कसूर क्या था मेरा तू ये तो बता..!!
हर कदम बढा मेरा तेरी मर्जी से,
फिर सपने मेरे तार-तार हुए क्यूँ यूँ बेदर्दी से ??
दिल टूटा मेरा हर ख्वाब की लाश पर,
कहाँ है तेरा चमत्कार मेरे इस मोहपाश पर।
अरमानों के कफन ओढते-ओढते हुआ मुझे ये अहसास,
होनी के हाथों बेदम हैं सब, क्या करुँ मैं किसी से आस।
तङप की बेङियों में जकङकर जीवन मेरा यहीं मरा पङा है,
हँसी आती है अस्तित्व पर,हर कोई बेबस सबसे बङा है।
हाय ! कोई इस बोझ से दिला दे, काश मुझको मुक्ति,
उम्मीदों की लाश ढोने की नहीं मुझमे अब शक्ति।।
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comments😯😯😯wow..... 😍😍😍😍 nyc wording...
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